PM मोदी को भेजी SC प्रमाणपत्र जारी न होने की शिकायत

संगड़ाह की बेड़ा जाति को 9 साल से नहीं मिल रहे हैं अनुसूचित जाति Certificate  

अवसर मिला तो 27 को मंडी मे प्रधानमंत्री को सौंपेगे मांग पत्र 

संगड़ाह। उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले दर्जन भर गांव में सदियों से रह रही बेड़ा जाति के लोगों को पिछले करीब 9 साल से अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं हो रहे हैं। उक्त जाति से संबंध रखने वाले नरेश कुमार द्वारा इस बारे बुधवार को Prime Minister नरेंद्र मोदी को लिखित शिकायत भेजी गई। E-mail से प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा कि, सदियों से विभिन्न समारोह व मंदिरों में बाजा बजाने व अनाज अथवा शाखता के बदले कपड़े सिलने का काम करने वाली उनकी जाति को नौ वर्ष पूर्व तक Shedule Cast प्रमाण पत्र मिलते थे, मगर उसके बाद यह बनना बंद हो गए।

 उक्त मामले को लेकर इससे पहले वह 30, सितंबर, 2020 को भी प्रधानमंत्री को मेल भेज चुके हैं और पीएमओ द्वारा पत्र संख्या PMOG/D/2020/0243049 के तहत हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव को इस बारे कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा उनकी याचिका पर की गई कार्यवाही के बाद हालांकि तहसीलदार संगड़ाह द्वारा इस जाति की सामाजिक व आर्थिक दशा संबंधी report SDM के माध्यम से संबंधित विभाग व जिला सिरमौर प्रशासन को भेजी जा जुकी है, मगर इस जाति को प्रदेश सरकार द्वारा फिर से अजा सूचि मे शामिल किया जाना शेष है। नरेश कुमार ने कहा की, यदि अवसर मिला तो वह पीएम को आगामी 27, दिसंबर को मंडी प्रवास के दौरान भी इस बारे मांगपत्र सौंपेगे। इससे पूर्व 2 दिसंबर 2018 को उपमंडल संगड़ाह के गांव अंधेरी में आयोजित जनमंच में उक्त मामला उठा चुके नरेश कुमार द्वारा 22 सितंबर 2016 को भी इस बारे तत्कालीन Chief Minister को लिखा जा चुका है।

 याचिका व विभाग से मिले पत्रों की प्रति जारी करते हुए उन्होंने कहा कि, संबंधित अधिकारियों की लापरवाही से बेड़ा जाति का नाम अनुसूचित जाति की सूची से हटा है। बेड़ा समुदाय की तरह ही क्षेत्र की भरड़ा जाती को भी अनुसूचित जाति के प्रमाणपत्र जारी नहीं हो रहे हैं, जबकि उनके सामाजिक अथवा विवाह जैसे संबंध वाले लोहार व बढ़ई को यह प्रमाणपत्र बदस्तुर जारी हो रहे हैं। उपमंडल संगड़ाह के राजस्व अधिकारियों के अनुसार दरअसल Beda जाति का नाम कुछ वर्ष पहले से प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति की सूची से हट चुका है। राज्य सरकार अथवा अनुसूचित जाति आयोग द्वारा दोबारा बेड़ा जाति को संबंधित लिस्ट में शामिल किए जाने की सूरत में उन्हें अजा प्रमाणपत्र पत्र जारी किए जा सकते हैं।


 

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