महाखुमली Conference को लेकर संगड़ाह में हुई Review Meeting

17 अप्रैल को होगा हाटी समिति का शक्ति प्रदर्शन 

शिलाई, रोनहाट व पझौता के बाद संगड़ाह में होगा 4th बड़ा सम्मेलन 

स्वागत समिति एवं Congress Block अध्यक्ष ने दी तैयारियों को लेकर जानकारी 

The Tribune मे छपी ST Status से केंद्र के इनकार संबधी News चर्चा मे

संगड़ाह। गिरीपार को अनुसुचित जनजाति दर्जा देने की मांग कर रही हाटी समिति द्वारा आगामी 17 अप्रैल को संगड़ाह में आयोजित किए जा रहे महाखुमली सम्मेलन की तैयारियों को लेकर मंगलवार को पंचायत Hall में Review meeting की गई।‌ बैठक मे हाटी समिति अध्यक्ष रविंद्र चौहान, कांग्रेस रेणुकाजी मंडल अध्यक्ष एवं सम्मेलन के लिए गठित स्वागत समिति के President तपेंद्र चौहान, PCC सदस्य यशपाल चौहान, किसान सभा सिरमौर District President रमेश वर्मा, शिवचंद कमल तथा राजेंद्र सिंह आदि हाटी समिति पदाधिकारियों ने Confrence की व्यवस्था व रूपरेखा को लेकर चर्चा की। 
शिलाई, रोनहाट व पझौता के बाद वर्तमान प्रदेश Government के कार्यकाल मे Transgiri area मे होने वाला समिति का यह चौथा बड़ा सम्मेलन है और क्षेत्र की सभी 144 पंचायतों से लोगों को यहां आमंत्रित किया गया है। गौरतलब है कि, वर्ष 1967 में साथ लगते तत्कालीन UP के बाबर जौंसार क्षेत्र को ST Status मिलने के बाद से लगातार Sirmaur जिला के Giripar क्षेत्र के लोगों द्वारा भी अनुसूचित जनजाति दर्जे की मांग की जा रही है, मगर तब से अब तक यह मांग पूरी नहीं हुई। The Tribune मे आज प्रकाशित 1 News के अनुसार 1 बार फिर Government of India अथवा संबधित मंत्रालय द्वारा हिमाचल के गिरिपार व डोडरा-क्वार क्षेत्रों को अनुसूचित जनजाति दर्जा दिए जाने संबंधी मांग को पूरा करने से इनकार किया जा चुका है।‌ 
इस बारे केंद्रीय हाटी समिति अध्यक्ष डॉ अमीचंद कमल ने कहा कि, उक्त English Newspaper मे गिरिपार व डोडरा-क्वार को ST दर्जे से केंद्र के इनकार संबधी News से पैदा हुई भ्रम की स्थिति पर जनजातीय विभाग के उच्चाधिकारी तथा संपादक से भी विस्तार से बातचीत हुई हैं। उन्होने कहा कि, जब तक Hati Community को RGI से 1 अलग समुदाय के रूप में पंजीकृत नहीं किया जाता, तब तक जनजातीय मंत्रालय से इसी तरह का जवाब मिलता रहेगा। डॉ कमल ने कहा कि, पहले करीब तीन लाख हाटी समुदाय को बतौर अनुसुचित जनजाति दर्ज करवाना होगा और फिर गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करवाना होगा। उन्होने कहा कि, The Tribune के Editor ने कल इसका स्पष्टीकरण करने का वादा किया है। उन्होने इस बारे Social media में इस बारे भ्रम न फैलाने की appeal की और यह खबर क्षेत्र मे चर्चा मे रही।

 उन्होने गिरिपारवासियों को भरोसा देते हुए कहा कि, जल्द जनजातीय दर्जे की मांग पूरी होगी और जरुरी पड़ी तो दूसरा विकल्प भी अपनाया जाएगा। 1 तरफ जहां भारत सरकार द्वारा जनजातीय दर्जे की मांग अथवा दावे को खारिज किया जा रहा है, वहीं प्रदेश के आला BJP व कांग्रेस नेता लगभग हर चुनाव मे गिरिपार की 3 लाख की आबादी को अनुसुचित जनजाति दर्जे की मीठी गोली दे रहे हैं। रोनहाट व पांवटा साहिब मे समिति की बैठकों मे कुछ माह पहले हाटी समिति की स्थानीय unit के पदाधिकारी आगामी विधानसभा Election मे नेताओं को गांव मे न घुसने की धमकियां भी दे चुके है, जबकि समिति की केंन्द्रीय कमेटी के नेता शांतिप्रिय ढंग से मांग पूरी करवाने की बात दोहरा रहे है। State व Center मे सत्ताधारी भाजपा के नेता और यहां तक की CM जयराम ठाकुर भी अभी तक जनजातीय दर्जे का भरोसा दे रहे हैं। महाखुमली सम्मेलन स्वागत समिति तथा Congress Renukaji मंडल अध्यक्ष तपेंद्र चौहान ने बैठक मे बताया कि, तैयारियां पूरी की जा चुकी है और अब तक एक लाख ₹ से ज्यादा चंदा राशि भी इकट्ठा हो चुकी है। उक्त कार्यक्रम का आयोजन संगड़ाह हैलिपैड पर किया जाएगा और इसमे 10,000 लोगों के जुटने का दावा किया जा रहा है।


 

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