निर्माण कार्य शुरू होने से पहले ही Project पर खर्च हो चुके हैं 780 करोड़ ₹
1 माह मे मांगे पूरी न होने पर विस्थापित समिति ने दी आंदोलन की चेतावनी
ददाहु Collegr के Students ने हासिल की आपदा प्रबंधन से संबंधित जानकारी
संगड़ाह। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की 14वीं बटालियन, RRC नालागढ़ द्वारा सोमवार 40 मेघवाट के श्रीरेणुकाजी Dam Projrct के GM रूप लाल के सहयोग से प्रस्तावित डैम के संवेदनशील स्थानों का दौरा किया गया और आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना बारे जानकारी हासिल की गई। बटालियन ने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सिरमौर व राजकिय Degree College Dadahu के सहयोग से महाविद्यालय में आपदा के दौरान खोज एवं बचाव कार्य में इस्तेमाल आने वाले विभिन्न प्रकार के उपकरणों, लाइफबोट्स व कंक्रीट कटर, वुड कटर एवं इसके साथ ही तरह-तरह के आधुनिक उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई और के लगभग 200 छात्रों ने उपकरणों के इस्तेमाल एवं आपदा प्रबंधन से संबंधित जानकारी हासिल की।इस अवसर पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के डिप्टी कमांडेंट रजनीश शर्मा, असिस्टेंट कमांडेंट सागर सिंह पाल, निरिक्षक अमर उजैन, उप-निरिक्षक आनंद, उप-निरिक्षक गोविंद मिणा व 27 अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
PM नरेंद्र मोदी द्वारा गत 27 दिसंबर को करीब 7,000 करोड़ ₹ के Renukaji Dam का शिलान्यास किये जाने के बाद विस्थापित होने वाले किसानों की संघर्ष समिति की गतिविधियां तेज हो गई है। जन संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को दादाहु में योगेंद्र कपिला की अध्यक्षता में Dam के GM Er रूपलाल से मिला और 1 माह मे MPF card व मुआवजे का व्यौरा जारी करने का अल्टीमेटम दिया। बैठक मे DC सिरमौर व HPPCL के MD के साथ बैठक करने व अगले माह आंदोलन पर भी चर्चा हई। समिति पदाधिकारियों ने गत 24 दिसंबर को उपायुक्त सिरमौर के 1 माह के आश्वासन के बावजूद MPF card अथवा पहचान व मुआवजे का व्यौरा न मिलने पर रोष जताया। 1960 के दशक से चर्चिच रेणुकाजी बांध के शिलान्यास से एक तरफ जहां क्षेत्रवासियों मे काफी उत्साह है, वही साईड इफेक्ट की चिंता भी है। विडंबना यह भी है कि, गिरी नदी के साथ लगते उपमंडल संगड़ाह, पच्छाद, नाहन व पांवटा के दर्जनों गांवों मे आज भी पेयजल संकट है और पानी दिल्ली भेज कर "घर मे नही दाने, अम्मा चली भुनाने" की कहावत भी क्षेत्र मे चर्चा में है। राजनीतिक इच्छाशक्ति व Budget के अभाव मे 1960 के दशक सिरे न चढ़ सकी रेणुकाजी बांध परियोजना का 1993 मे Invstrigation कार्य शुरू होने के बाद से हर विधानसभा व लोकसभा चुनाव मे यह मांग मुख्य मुद्दा रहती थी। रेणुकाजी बांध परियोजना के महाप्रबंधक इंजीनियर रूपलाल के अनुसार 40 मेगावाट की इस परियोजना से देश की राजधानी दिल्ली सहित आधा दर्जन राज्यों को MOU के अनुसार पानी की सप्लाई होंगी। निर्माण राशि का 90% हिस्सा केंद्र सरकार जबकि 10 प्रतिशत 6 राज्य वहन करेंगे। जीएम के अनुसार गर्मियों व सर्दी मे बेशक नदी मे पानी काफी कम है, मगर बरसात में आने वाला वाढ़ का पानी इकट्ठा कर कईं दिन सप्लाई किया जा सकेगा। गिरि नदी के पूरे साल के डिस्चार्ज के आधार पर ही विशेषज्ञों ने रिपोर्ट तैयार की और बांध बनने पर कुछ हद तक स्थाई डिस्चार्ज भी बढ़ जाएगा। गौरतलब है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 27 दिसंबर 2021 को हिमाचल प्रदेश को 11,000 करोड़ रुपए की सौगात दी। रोचक तथ्य यह भी है कि, बांध का वास्तविक निर्माण कार्य शुरू होने से पहले ही इस प्रोजेक्ट पर अब तक करीब 780 करोड़ खर्च भी हो चुके हैं और इसमे से करीब 447 करोड़ विस्थापित होने वाले किसनों को मुआवजे के रूप मे दिए जा चुके है।
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