हिमाचल को Green Energy State बनाने के लिये ठोस प्रयासों की जरूरत @ मुख्य सचिव बहुद्देशीय परियोजनाएं

रेणुकाजी Dam विस्थापितों को जारी की जा चुकी है 1,000 करोड़ ₹ की राशि @ GM 

148 मीटर ऊंचा बांध निगल जाएगा 1508 हेक्टेयर भूभाग  

नाहन । हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2025 तक पूरी तरह से हरित ऊर्जा राज्य बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिये ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। इसके लिये पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ सौर ऊर्जा की ओर बढ़ना होगा। यह बात विशेष मुख्य सचिव बहुद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा राम सुभग सिंह ने DC office सभागार में प्रदेश में पन विद्युत परियोजनाओं की प्रगति की Review Meeting की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि, Green Energy State की परिकल्पना को साकार करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बनेगा। राम सुभग सिंह ने कहा कि, अक्षय ऊर्जा समय की मांग है और इसके दोहन के लिये हर संभव प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि थर्मल ऊर्जा के उपयोग को पूरी तरह से हतोत्साहित किया जाए। सौर ऊर्जा की अवधारणा को अपनाने के लिये लोगों को तैयार करने के लिये सार्थक प्रयास किये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि, transmission line की गुणवत्ता तथा ट्रांसमिशन क्षति को कम करने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने ऊर्जा आडिट की आवश्यकता पर भी बल दिया। निदेशक ऊर्जा हरीकेश मीणा ने इस अवसर पर राज्य की जल विद्युत परियोजनाओं पर एक विस्तृत पावर प्वांइट प्रेजेंटेशन दी। उन्होंने कहा कि राज्य में 11145 मैगावाट की 171 जल विद्युत परियोजनाएं विद्यमान है और यह देश की जल विद्युत ऊर्जा का 23 प्रतिशत है और 53 परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। 5 MW तक की 95 परियोजनाएं कार्य कर रही हैं। उन्होंने अवगत करवाया कि वर्ष 2023-24 के दौरान 1000 मैगावाट की परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी। इनमे 800 मैगावाट की पार्वती जल विद्युत परियोजना, 150 मैगावाट की टिडोंग, 25 मैगावाट की लुंबाडिग तथा 24 मैगावाट की सिटीमरंग परियोजनाएं शामिल हैं। वर्ष 2025 तक 2425 मैगावाट की परियोजनाओं को जबकि 2027 के बाद 5200 मैगावाट की परियोजनाओं को पूरा कर दिया जाएगा। मीणा ने अवगत करवाया कि सरकार ने पंप स्टोरेज प्रस्ताव आमंत्रित किये हैं और सार्वजनिक क्षेत्र सीमित में अभी तक कुल 8500 मैगावाट के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें SJVNL सेे 2570 मैगावाट, NTPC से 2400 मैगावाट, बीबीएमबी से 1800 मैगावाट तथा एचपीसीएल से 1730 मैगावाट के प्रस्ताव शामिल हैं। Private Sector से लभग 2000 MW के प्रस्ताव प्राप्त हुए है और ये प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं। प्रस्तुति में जानकारी दी गई कि दिसम्बर 2022 तक राज्य का विद्युत राजस्व 1302 करोड़ रुपये रहा जिसे 2027 तक 13687 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है। अगले पांच सालों मे 500 मैगावाट सौर ऊर्जा का भी लक्ष्य रखा गया है। 

Renukaji Dam Project पर प्रस्तुति देते हुए General Manager एमके कपूर ने अवगत करवाया कि, यमुना नदी की सहायक नदी गिरी पर इस राष्ट्रीय परियोजना के निर्माण की प्रक्रिया जोरों पर है। वर्ष 2018 में परियोजना का प्राक्कलन 6947 करोड़ रुपये का है जिसमें पानी की आपूर्ति पर 6647.46 करोड़, जबकि बिजली पर 299 करोड़ रुपये की लागत शामिल है। परियोजना परिव्यय का 90% केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। 148 मीटर ऊंचे इस बांध से 1508 हेक्टेयर क्षेत्र जलमग्न होगा। 24 किलोमीटर लंबी सुंरग का निर्माण किया जाएगा और 2023 में पानी डाईवर्जन का कार्य आरंभ किया जाएगा। गौरतलब है कि, इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास Prime Minister Narendra Modi द्वारा 27, दिसंबर 2021 में किया गया है। GM ने अवगत करवाया कि, परियोजना के लिये भूमि अधीग्रहण का कार्य कर लिया है। कुल 2800 करोड़ भूमि अधिग्रहण के एवज में देय है जिसमें से 1000 करोड़ रुपये प्रभावित परिवारों को वितरित किये जा चुके हैं। 630 करोड़ की राशि वन विभाग को दी जानी है। परियोजना से क्षेत्र की 20 पंचायतों के 41 गांव तथा 7000 की आबादी प्रभावित होगी जबकि 346 परिवार बेघर हो रहे हैं। बैठक में 450 मैगावाट की शौंगटोंग कड़छम तथा काशंग परियोजनाओं की प्रगति पर भी प्रस्तुति दी गई। शौंगटोंग कड़छम परियोजना के निर्माण पर 1700 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं तथा 44% कार्य पूरा हो गया है। परियोजना जुलाई 2026 तक पूरी होगी। इसी प्रकार 130 मैगावाट की काशंग चरण दो व तीन परियोजना का प्राक्कलन 365 करोड़ रुपये का है और अभी तक 349 करोड़ खर्च हो चुके है। यह परियोजना भी जून 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगी। इससे पूर्व, Deputy Commissioner Sirmaur राम कुमार गौतम ने विशेष मुख्य सचिव का Welcome किया तथा रेणुका बांध परियोजना के प्रभावित परिवारों के पुनर्वास व मुआवजे के संबंध में जानकारी सांझा की। अतिरिक्त उपायुक्त मनेश यादव, सहायक आयुक्त मुकेश, महाप्रबंधक इंजीनियर नितिन गर्ग, मुख्य अभियंता इं. अनिल गौतम सहित हि.प्र. विद्युत बोर्ड, HPPCL, बीबीएमबी व एमटीएनएल के अभियंता व वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।


 

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