रेणुकाजी बांध विस्थापितों ने Meeting दोहराई मांगे पूरी न होने तक काम रोकने की बात

अरबों ₹ खर्च होने के बावजूद Dam का निर्माण कार्य शुरू होना बाकी 

विस्थापितों को जारी की जा चुकी है 1,000 करोड़ ₹ की राशि 

PM मोदी 27, दिसंबर 2021 को कर चुके हैंं परियोजना का शिलान्यास 

संगड़ाह। रेणुकाजी बांध प्रबंधन तथा विस्थापितों द्वारा गठित जन संघर्ष समिति के बीच करीब 2 घंटे से ज्यादा समय तक चली Meeting में पेड़ो की Recounting जैसे परियोजना के काम शुरू करने के मुद्दे पर बेनतीजा रही। बैठक में GM अथवा बांध प्रबंधन द्वारा समिति पदाधिकारियों से आग्रह किया गया कि, डूब क्षेत्र में आने वाले सरकारी अथवा Forest Dipartment के पेड़-पौधों की गिणती को सुचारू रूप से चलने दिया जाए, जिसे कुछ दिन पहले संघर्ष समिति द्वारा उनकी मांगे न माने जाने पर रोष जताते हुए रोक दिया गया था। संघर्ष समिति के अध्यक्ष योगेंद्र कपिला व पूर्ण चंद शर्मा, संजय चौहान, वरूण शर्मा तथा हरिचंद शर्मा आदि पदाधिकारियों ने इस पर दो टूक जवाब देते हुए कहा कि, जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा, तब तक समिति बांध प्रबंधन केे ऐसे कार्य नहीं होने देगी। बयान में उन्होंने कहा कि, बरसों से विस्थापितों की मांगों की Administration अथवा बांध प्रबंधन द्वारा अनदेखी किए जाने के चलते उन्हें कड़ा रुख अख्तियार करने पर मजबूर होना पड़ा। 
बैठक में परियोजना के महाप्रबंधक महेंद्र कपूर ने विस्थापित नेताओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि, Houseless Families की List 1 माह मे संघर्ष समिति को दी जाएगी। अन्य मांगों पर भी गहनता से कार्य किया जा रहा है तथा भूमिहीन परिवारों की सूची निर्धारित करने के लिए DC Sirmaur को नाम भेज दिए गए है। अन्य मांगो को BOD/ बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में उठाया जाएगा। बैठक में परियोजना के General Manager महेंद्र कपूर उपमहाप्रबंधक सुनील कुमार ठाकुर व वरिष्ठ प्रबंधक कपिल दत्त शर्मा आदि HPPCL अधिकारियों के अलावा संघर्ष समिति के अध्यक्ष योगेंद्र कपिला, संयोजक पूर्ण चंद शर्मा, महासचिव संजय चौहान कानूनी सलाहकार वरुण शर्मा व कोषाध्यक्ष हरीचंद शर्मा आदि मौजूद रहे।

148 मीटर ऊंचा बांध निगल जाएगा 1508 हेक्टेयर भूभाग  

विशेष मुख्य सचिव बहुद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा राम सुभग सिंह की अध्यक्षता में गत 6 जनवरी को DC office में प्रदेश में हुई पन विद्युत परियोजनाओं की प्रगति की Review Meeting मे Renukaji Dam के General Manager एमके कपूर ने यमुना नदी की सहायक नदी गिरी पर इस राष्ट्रीय परियोजना के निर्माण की प्रक्रिया जोरों पर होने की बात कही थी। अपनी प्रस्तुति में GM ने बताया कि, वर्ष 2018 में परियोजना का प्राक्कलन 6947 करोड़ रुपये का है, जिसमें पानी की आपूर्ति पर 6647.46 करोड़ तथा बिजली पर 299 करोड़ ₹ की लागत शामिल है। परियोजना परिव्यय का 90% Union Government अथवा भारत सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। 148 मीटर ऊंचे इस बांध से 1,508 हेक्टेयर क्षेत्र जलमग्न होगा। 24 किलोमीटर लंबी सुंरग का निर्माण किया जाएगा और 2023 में पानी डाईवर्जन का कार्य आरंभ किया जाएगा। गौरतलब है कि, इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास Prime Minister Narendra Modi द्वारा 27, दिसंबर 2021 में किया जा चुका है तथा परियोजना के लिये भूमि अधीग्रहण का कार्य कर लिया है। कुल 2,800 करोड़ भूमि अधिग्रहण के एवज में देय है जिसमें से 1000 करोड़ रुपये प्रभावित परिवारों को वितरित किये जा चुके हैं। 630 करोड़ ₹ की राशि वन विभाग को दी जानी है। महाप्रबंधक के अनुसार परियोजना से क्षेत्र की 20 पंचायतों के 41 गांव तथा 7,000 की आबादी प्रभावित होगी जबकि 346 परिवार बेघर हो रहे हैं। गौरतलब है कि, मात्र 40 मेगावाट की इस परियोजना का वास्तविक निर्माण कार्य शुरू होना बाकी है, जबकि अरबों का बजट खर्च हो चुका है। करीब 26 KM लंबे इस बांध से डूबने वाले संगड़ाह-नाहन मार्ग की वैकल्पिक सड़क के लिए भी Budget मिलना शेष है, हालांकि DPR बनाने के लिए ExEn PWD Sangrah को कुछ राशि जारी की जा चुकी है।


 

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