हिमाचल विधानसभा में आपातकाल पीड़ितों की Pension बंद किए जाने पर जमकर हुआ हंगामा
पूर्व CM ने BJP Government आने पर फिर से लोकतंत्र प्रहरी कानून लागू करने का ऐलान किया
शिमला। हिमाचल की Congress अथवा Sukhvinder Sukkhu Government द्वारा Emergency के दौर में जेल काटने वाले नेताओं अथवा Social Activists को Pension संबंधी लोकतंत्र प्रहरी Act को निरस्त किए जाने को विपक्ष अथवा BJP ने आपातकाल का समर्थन करार दिया और सदन से Walkout किया। Ex CM एव opposition Leader जयराम ठाकुर ने कहा कि, आज का दिन प्रदेश में काले दिन के रूप में याद किया जाएगा और पूर्व PM India Gandhi द्वारा 1975 से 1977 तक देश में लागू किए गए आपातकाल को Himachal Congress सही करार देकर Democracy व जनता का अपमान कर रही है। उन्होंने कहा कि, BJP सत्ता में आते ही दोबारा से इस योजना को शुरू।मुख्यमंत्री के आज Rahul Gandhi के साथ Surat Court में होने के चलते Industries Minister हर्षवर्धन चौहान ने इस मामले में सरकार का पक्ष रखा और 900 Institute की तरह उक्त Pension बंद करने के लिए भी CM की सराहना की। उन्होंने कहा कि, आपातकाल के दौरान केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ लोगों को तय समय तक जेलों में रखा गया था और इन्हें स्वतंत्रता सेनानियों की तर्ज पर पेंशन देना गलत है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, आज का दिन प्रदेश में काले दिन के रूप में याद किया जाएगा । पूर्व सरकार ने इमरजेंसी के दौरान जेलों में बंद रहे नेताओं व सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए लोकतंत्र प्रहरी योजना शुरू करने के लिए बकायदा बिल विधानसभा में लाया गया था, लेकिन इस सरकार ने इस बिल को निरस्त कर Congress की आपातकाल की मानसिकता का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि, 1975 में तत्कालीन Prime Minister इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों को गैर-कानूनी ढंग से जेलों में डाल दिया गया और इसके बाद जनाक्रोश के चलते 1977 में Election हुए तो कांग्रेस व इंदिरा गांधी की बड़ी हार हुई थी। प्रदेश में केवल 80 के करीब ही आपातकाल पीड़ित जीवित हैं, जिन्हें प्रतिमा 20,000 व 12,000 ₹ सम्मान राशि दी जा रही थी।
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