हजारों श्रद्धालु लिंबोर जयघोष के साथ बने बिजट देवता मंदिर देवना मे शांत महायज्ञ के साक्षी

डेढ़ सौ साल बाद मंदिर चढ़ाई गई मंदिर में खुनेवड़
संगड़ाह। जिला सिरमौर के उपमंडल संगड़ाह अथवा नौहराधार तहसील के गांव देवना-थनगा मे आयोजित Bijat Maharaj Shant Yagya में मंगलवार को विभिन्न इलाकों से हजारों लोग अथवा श्रद्धालू शामिल हुए। इस दौरान पहाड़ी शैली के मंदिर की छत पर चढ़ाई जाने वाली पवित्र देवदार की पवित्र लकड़ी की खुनेवड़ की परम्परा के लिए सिरमौरी वाद्य यंत्रों की देव धुन पर हुए लिंबोर जयघोष से पूरा इलाका गूंज उठा। 
नौहराधार के शिरगुल देवता गेलिओ से ग्रामीण 36 फुट लंबी खुनेवड़ अथवा कुरूड़ को कंधे पर उठाकर लाए। बिजोट अथवा Bijat Maharaj से पहले उनके बड़े भाई कहे जाने वाले शिरगुल महाराज के जयघोष से आयोजित इस धार्मिक अनुष्ठान का शुभारंभ हुआ। शांत महायज्ञ से पहले देवता को हरिद्वार व चूड़धार में स्नान करवाया गया। सिरमौर व शिमला जिला के पहाड़ी इलाकों के मंदिरों के जीर्णोद्धार अथवा पुनर्निर्माण के बाद दशकों मे होने वाला Shant Yagya सबसे बड़ा धार्मिक अनुष्ठान समझा जाता है।
 

 मंदिर के पुजारी, किंकीर व बुजुर्गो ने बताया कि, उनकी जानकारी के अनुसार इससे पूर्व 1866 मे खुनेवड लगाई गई थी। बिजट देवता के गूर अथवा किंकीर ने दिव्य शक्ति आने पर श्रद्धालुओं को सुख-समृद्धि व शांति का आशीर्वाद दिया। इस नौहराधार तहसील के अलावा सिरमौर जिला के उपमंडल संगड़ाह, राजगढ़ व शिलाई तथा शिमला के लिंगजार गांव से भी देवता में आस्था रखने वाले लोग पंहुचे।

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